शनिवार, 21 जनवरी 2012

कैसे होगा यह संग्राम ?

कहाँ गए वो पार्थ, सारथी
कहाँ गया गीता का ज्ञान
कहाँ गए वो भीष्म पितामह
कैसे होगा यह संग्राम  ?

उद्दंडता की हद्द हो गयी
राजनीति की भद्द हो गयी
खून चूसता जोंक हृदय का
कैसे बचेगा हिन्दुस्तान ?

ब्यभचारी सरकार आ गयी
घोटालों की बाढ़ आ गयी
लूट मची है राज कोश की
चोर खरे हैं सीना तान !

जनता बेबस,लाचार खड़ी है
नेताओं की भूख बड़ी है
पीड़ हुआ है पर्वत जैसा
कैसे होगा अब परित्राण ?

देस प्रेम का भाव नहीं है
गद्दाफ़ी, कासाब यहीं है
बाट जोहती वसुधा  बैठी
कौन करेगा शर-संधान ?

कहाँ गए वो पार्थ, सारथी
कहाँ गया गीता का ज्ञान
कहाँ गए वो भीष्म पितामह
कैसे होगा यह संग्राम  ?