बुधवार, 23 नवंबर 2011

क्षणिकाएं

बिल्ली 

कहते हैं लोग-बाग ,
उड़ती है खिल्ली !
दूध की रखवाली पर ,
बैठी है बिल्ली !

हस्ताक्षर  

समय का
हस्ताक्षर ,
असफलताओं का
नमूना !
अभिलाषाओं के
मुंह पर ,
पोता गया
चुना !